Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -10-Nov-2022 जादू भरे नैन

तेरे जादू भरे नैनों ने ऐसा जादू किया है 

ना हम बस में हैं और ना बस में जिया है 

बड़ी बड़ी सी दोनों आंखें झील सी गहरी हैं 
मदिरा की पूरी महफिल हैं ख्वाब सुनहरी हैं 

नीली नीली आंखें दिल में इस कदर बस गईं 
दिन का चैन रात का करार लूटकर कस गईं 

पलकें झुकाकर अचानक फिर से जो उठाती हो 
कसम खाकर कहता हूं कत्लेआम कर जाती हो 

पलकों के आशियाने में जो थोड़ी जगह मिल जाये 
हम भी सुकून से जी लें दिल भी हमारा खिल जाये 

श्री हरि 
10.11.22 

   17
6 Comments

Gunjan Kamal

15-Nov-2022 06:18 PM

शानदार

Reply

Abhinav ji

11-Nov-2022 08:07 AM

Nice 👍

Reply

बहुत ही सुंदर और प्रेममय कविता

Reply